उज्जैन महाकालेश्वर भगवान शिव की नगरी है, यह महान मंदिर छिप्रा नदी के निकट बना हुआ है, यहाँ पर वैसे तो आने भर से सब संकट समाप्त हो जाते है, फिर भी अगर आप भस्म आरती में जाकर भगवान शिव लिंग को स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त कर पाए तो उसका विशेष लाभ होगा, किन्तु प्रातः कालीन होने वाली भस्म आरती के कुछ विशेष नियम है, जो की आपके लिए जान लेना बहुत जरुरी है :
महिलाओ के लिए : ब्लाउज, पेटीकोट और साड़ी अगर ठंड है तो सॉल भी पहिन सकती है (इसमें सलवास सूट, जींस, पेंट इत्यादि वर्जित है) .
पुरुषो के लिए : धोती सिर्फ, बिना किसी अंतःवस्त्र के, शरीर का ऊपरी भाग भी धोती से ही ढक सकते है, जनेऊ हो तो बहुत उत्तम।
बच्चो के लिए : सामान नियम है, वैसे पांच वर्ष से कम के बच्चे न ले जाय अगर कोई देख रेख करने वाला है तो ।
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भष्म आरती के नियमो की जानकारी
- भष्म आरती में कुछ निश्चित लोगो को ही अनुमति प्रदान की जाती है, वर्तमान में इसकी बुकिंग ऑनलाइन होती है, इसके लिए आप घर वैठे आधिकारिक वेबसाइट से बुकिंग करवा सकते है,
- बुकिंग करते समय आपको अपना फोटो और पहचान पत्र देना अनिवार्य है और इसे ही लेकर जाना होगा
- भष्म आरती में जाने के लिए प्रातः २ बने से लाइन लगनी शुरू हो जाती है, जितना पहले जायेगे उतना जल्दी दर्शन हो जायेगा
- आपको इसके लिए सुबह जाग कर स्नान करके पहुंचना होगा
- महिलाये सिर्फ साड़ी और पुरुष सिर्फ धोती में भी प्रवेश कर सकते है, भले ही आप स्वेटर इत्यादि ठंड से बचने के लिए ले जाए, लेकिन उनको गर्भगृह में जाने से पहले छोड़ना होगा, जो आप बाद में ले सकते है,
- कोशिश करिये की अपने साथ छोटे बच्चे न ले जाए, और अगर ले जाए तो पर्याप्त जन जाए, जिससे जब एक सदस्य गर्भगृह में जाए तो बच्चो को कोई अपने पास संभाल सके
- शिव लिंग पर जल चढाने के लिए पात्र अर्थात लौटा अवश्य ले जाए, जिसमे आपको मंदिर के अंदर से जल भरना होगा.
- जलाभिषेक के बाद भगवान का शृंगार होता है जिसमे आप शांति से बैठे रहे
- इसके बाद भष्म आरती होती है जो की अंतिम जली हुयी चिता की भष्म से होती है
- इसके बाद आप बापस अपने होटल या धर्मशाला में है
Ujjain Bhasma Aarti Time
भगवान महाकाल का श्रृंगार सबसे पहले सुबह चिता भस्म से होता है, और आरती भी चिता भष्म से होती है, यह सुबह सबसे पहली या रात्रि की सबसे अंतिम चिता भस्म से होती है इसीकारण यह प्रातः काल की आरती को भस्म आरती कहते है, और इस भस्म आरती का समय भारतीय समयानुसार सुबह के चार बजे होता है, यह पूर्ण आरती कार्य लगभग १ घंटे का होता है और उसके पहले कुछ भक्तजन जो समय से अंदर पहुँचपाते है भगवान का जलाभिषेक का सौभाग्य प्राप्त कर सकते है।
Bhasma Aarti Dress Code in Hindi
भस्म आरती अपने आप में एक अद्भुद अनुभव है जो भी भक्तजन महाकाल दर्शन के लिए जाते है उनके लिए, परिधान का आरती के समय निर्धारण कुछ विशेष कारणों से किया गया है, क्युकी ये भष्म आरती है और मनुष्य के जन्म और मृत्यु के समय जो भी वस्त्र होते है उनमे कोई सिलाई नहीं होती है इसलिए यहाँ ड्रेस कोड बनाया गया है :महिलाओ के लिए : ब्लाउज, पेटीकोट और साड़ी अगर ठंड है तो सॉल भी पहिन सकती है (इसमें सलवास सूट, जींस, पेंट इत्यादि वर्जित है) .
पुरुषो के लिए : धोती सिर्फ, बिना किसी अंतःवस्त्र के, शरीर का ऊपरी भाग भी धोती से ही ढक सकते है, जनेऊ हो तो बहुत उत्तम।
बच्चो के लिए : सामान नियम है, वैसे पांच वर्ष से कम के बच्चे न ले जाय अगर कोई देख रेख करने वाला है तो ।
भारत के स्मारक और स्थान, bharat ke smarak, प्रसिद्ध इमारतों के नाम